हार्ट नहीं, विकसित देशों में मौत का सबसे बड़ा कारण है कैंसर

हार्ट नहीं, विकसित देशों में मौत का सबसे बड़ा कारण है कैंसर

सेहतराग टीम

अभी तक ये माना जाता था कि दुनिया के विकसित देशों में बीमारियों से होने वाली मौत के मामले में हृदय संबंधित रोगों का पहला स्‍थान है। मगर अब कुछ नए सर्वेक्षणों ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है और ये भी तथ्‍य सामने रख दिया है कि पूरी दुनिया के कैंसर कितनी बड़ी समस्‍या बन चुका है। इन सर्वेक्षणों के अनुसार विकसित देशों में मौत का सबसे बड़ा कारण अब कैंसर बन गया है।

स्वास्थ्य संबंधी रुख को लेकर वैश्विक स्तर पर दशक भर पुराने दो सर्वेक्षणों के अनुसार, इन विकसित देशों में मौत का सबसे बड़ा कारण पहले हृदय संबंधी बीमारियां थीं लेकिन अब कैंसर सबसे बड़ा कारण बन गया है।

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आकड़ों के अनुसार, विकसित देशों के छोड़ दिया जाए तो वैश्विक स्तर पर मध्यम उम्र के वयस्कों में मौत का सबसे बड़ा कारण अब भी हृदय संबंधी बीमारियां हैं। बीमारियों के कारण होने वाली मौतों में विश्वभर में 40 प्रतिशत से अधिक मौत हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं।

ऐसा माना जता है कि वर्ष 2017 में इन बीमारियों से करीब एक करोड़ 77 लाख लोगों की मौत हुई। ‘द लांसेट’ चिकित्सकीय पत्रिका में प्रकाशित दो अध्ययनों के अनुसार विकसित देशों में हृदय संबंधी बीमारियों से नहीं, बल्कि कैंसर से सर्वाधिक लोगों की मौत हो रही है। 

क्यूबेक स्थित लावाल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर गिल्स डेगानिस ने बताया कि अधिक आय वाले देशों में हृदय संबंधी बीमारियां मौत का सबसे बड़ा कारण नहीं हैं। 

डेगानिस ने कहा कि हृदय संबंधी बीमारियों की दर वैश्विक स्तर पर गिर रही है यानी ‘कुछ ही दशकों में’ कैंसर दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण बन जाएगा।

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